Dosti Shayari (शायरी जो कहती हैं भाई तू तो मेरी जान हैं बे )
Dosti Shayari (शायरी जो कहती हैं भाई तू तो मेरी जान हैं बे ), शायरी Shyari if you want to taunt your friend.
Dosti Shayari (शायरी जो कहती हैं भाई तू तो मेरी जान हैं बे ) |
Dosti Shayari (शायरी जो कहती हैं भाई तू तो मेरी जान हैं बे )
Dosti Shayari (शायरी जो कहती हैं भाई तू तो मेरी जान हैं बे )
रिश्तों से बड़ी चाहत क्या होगी, दोस्ती से बड़ी इबादत क्या होगी;
जिसे दोस्त मिल जाए आप जैसा, उसे ज़िंदगी से शिकायत क्या होगी!
दुश्मनो ने जो दुश्मनी की है;
दोस्तों ने भी क्या कमी की है!
दुश्मनो के साथ मेरे दोस्त भी आज़ाद हैं;
देखना है खिचता है मुझ पे पहला तीर कौन!
मज़ा आता है किसी को सताने में;
रूठे ना कोई तो, मज़ा क्या मानने में;
एक दोस्तों से ही तो खुशी है;
वरना रखा क्या है इस ज़िंदगी और ज़माने में!
जो दिल के हो करीब उसे रुसवा नही करते,
यूँ अपनी दोस्ती का तमाशा नही करते;
खामोश रहोगे तो घुटन और बढेगी ,
अपनो से कोई बात छुपाया नही करते!
मेरे दोस्त की पहचान यही काफ़ी है;
वो हर शख्स को दानीस्ता खफा करता है!
~ अहमद फ़राज़
ये फितना आदमी की खाना-वीरानी को क्या कम है;
हुए तुम दोस्त जिस के दुश्मन उस का आसमान क्यों हो!
दोस्ती अपनी भी असर रखती है फ़राज़;
बहुत याद आएँगे ज़रा भूल के देखो!
~ अहमद फ़राज़
वादा ना करो अगर तुम निभा ना सको;
चाहो ना उसको जिसे तुम पा ना सको;
दोस्त तो दुनिया में बहुत होते हैं,
पर एक ख़ास रखो जिसके बिना तुम मुस्कुरा ना सको!
साँसों से प्यारी, यादें हैं आपकी;
धड़कन से प्यारी, बातें हैं आपकी;
तुम्हें यकीन हो या ना हो;
लेकिन इस ज़िंदगी से प्यारी, दोस्ती है आपकी!