Top 51 Most Sensitive Akelapan Shayari In 2 And 4 Lines
Top 51 most sensitive akelapan shayari in 2 and 4 lines for boyfriend or girlfriend. Express your pain and loneliness in sensitive way.
Top 51 Most Sensitive Akelapan Shayari In 2 And 4 Lines |
Today we are sharing top 10 best akelapan shayari. These shayari are for those boys who got hurt by their girlfriend or their girlfriend ditched them. It happens most of the time that a person feels alone when he is cheated or being dropped by his girlfriend. Sometimes few girls become so greedy and leave their boyfriend for the sake of money. If they find a better boy then his current boyfriend then normally those girls leave their boys alone and hangs up with another new guy. Now days it is happening too much. And this also applies for the boys as well.
What the today’s boys are doing is that they leave their girlfriend for the sake of another girlfriend when they are bored with the current girl. So if this is the case with you and you were a true lover then definitely you felt pretty bad. And I think your heart is too much sad and you got heart. And now you are feeling so lonely that is called in Hindi "akelapan". So to express feelings of your heart, today we are sharing this akelapan shayari. You can share this akelapan shayari with your girlfriend on WhatsApp, Facebook or even Twitter. You can express your inner emotions through this akelapan shayari to the entire world.
You can send this sensitive Hindi akelapan shayari as your WhatsApp status and so just to express that you were a true lover and your girlfriend did not do a good thing by dropping you for another boyfriend. Then this shayaris are really going to work for you. I am not saying that girl friend did this just for the girlfriend but it may also happen that you did a mistake. So to realize that mistake and again to be in relationship with your girlfriend, this is the perfect medium for you to express that how much you love her. So use this shayari to express that you love her and you are not happy because she dropped you or whatever the circumstances are.
This shayari indicates the akelapan which is called loneliness. So enjoy this top 10 best akelapan shayari in Hindi or say alone shayari in Hindi and Urdu.
Shayari in hindi for boys
Love me shayari in hindi
Girlfriend teasing shayari
Boy attitude shayari
Sad shayari
Love letter in hindi for boys
Tere bin shayari
I love you shayari
खुदा जाने यह कैसी रहगुजर है, किसकी तुरबत है,
वो जब गुज़रे इधर से गिर पढ़े दो फूल दामन से.
अब इंतज़ार की आदत सी हो गई है
खामोशी एक हालत सी हो गई है
ना शिकवा ना शिकायत है किसी से
क्यूंकी अब अकेलेपन से मोहब्बत सी हो गई है
दोस्ती की राहो मे कभी अकेलापन ना मिले
ए दोस्त ज़िंदगी मे तुम्हे कभी गम ना मिले
दुआ करते है हम खुदा से
तुम्हे जो भी दोस्त मिले हम से कम ना मिले
तन्हाई मे अकेलापन सहा ना जाएगा.
पर महफ़िल मे अकेला रहा ना जाएगा,
उनका साथ ना हो फिर भी जिया जाएगा,
पर उनका साथ कोई और हो ये सहा ना जाएगा
आज तन्हाइयो को इश्क़ है हमसे बेपनाह
कभी हम तन्हाई से दो पल की दोस्ती किया करते थे
खामोसी की परछाइया हैं जहा भी देखता हूँ मैं
कभी इन परछाईयो के मुस्कुराते चेहरे हुआ करते थे
एक बार मिला भी मौका किसी की चाहत बन-ने का,
लेकिन हम उसे भी गावा बैठे,
उसने खुद अपने प्यार का इज़हार किया,
लेकिन हम उसके प्यार को ही नकार बैठे,
उस समय प्यार से महरूम थे,
आज उसे खोने का दर्द दिल को रुलाने लगा है,
ज़िंदगी तो खूब जी हमने,
पर अब ये अकेलापन सताने लगा है…
अकेलापन अब हमे सताता है,
दिन मे सपने ओर रातो को जागता है,
क्या करेंगी इस खाली इमारत जैसे दिल का हाल जानके,
क्यूंकी अब तो इसे भी अकेलेपन से मोहब्बत सी हो गई है !!!
आज हम अकेले हैं कभी वो हमारे साथ हुआ करते थे,
हमारा हर दिन हर रात हुआ करते थे,
उनके जाने से बुझ से गये हैं अब तो..
वरना मोहब्बत का सैलाब हुआ करते थे……
चल साथ की हसरत दिल-ए-महरूम से निकले,
आशिक़ का ज़नाज़ा है ज़रा धूम से निकले.
चरागार अपने तो मसरूफ़ बादील है लेकिन,
कोई तकदीर के लिखे को मिटा सकते है.
जिससे चाहते है हुम्म दिल-ओ-जान से,
वो करते है हमसे-ए-इश्क़ किसी और से,
कैसी दर्द-ए-तकदीर हैं हमारी यारो,
जो मार गई जी-ते-जी हुमको..
शीशे का ये दिल टूट रहा था,
हम उन्हे ना ढूँढते तो क्या करते.
एहसास हुआ जब हमें उनसे दूर होने का,
हम रो कर अपनी आँख ना सुजाते तो क्या करते
आपको कुछ खबर है आप जब जाने लगे,
आपके बीमार का उस वक़्त क्या आलम हुआ.
महफ़िल मे नही तो तन्हाई मे फरियाद करोगे,
हमारे जैसा ना कही मिला है ना मिलेगा,
आजमा कर देखो किस्मत पे नाज़ करोगे.
जाने क्यू अकेले रहने को मजबूर हो गये,
यादो के साए भी हमसे दूर हो गये,
हो गये तन्हा इस महफ़िल मे,
की हमारे अपने भी हमसे दूर हो गये.
कल शाम छत पर तुझे क्या देख लिया,
के मैं तो मानो खुदा को ही देख लिया,
बेखुदी का नशा इस क़दर चढ़के बोला,
हमने सिर अपना दीवार से जा फोड़ लिया.
क्यू दिल की बेकरारिया बॅड जाती हैं,
जब सामने मनचाहा कोई होता है,
धीरे से दिल के कोने मे हसरातो का,
एक सेलाब जाने क्यू उमड़ आता है.
हर शाम आँखो को तेरा इंतेज़ार रहता है,
जिधर से गया था उस और ख़याल रहता है,
दिल को अब भी तेरी ज़रूरत बहुत है साथी,
आजा लौटके आजा दिल हर दम बेक़रार रहता है.
दर्द से हम अभी खेलना सिख गये,
हम बेवफ़ाई के साथ जीना सीख गये,
क्या बताए किस कदर दिल टूटा है मेरा,
मौत से पहले, कफ़न ओढ़ कर सोना सिख गये.
दर्द मन्धो से तुम्ही दूर फिरा करते हो,
पूछने वरना सभी आते हैं बीमार के पास.
वो अपने दर के फकिरो से पूछते भी नही, की तुम लगाए हुए किसकी आस बैठे हो
सितम समझे हुए थे हम तेरी बेइंतही को, मगर जब गौर से देखा तो एक लुत्फ़-ए-निहा पाया
हम अकेले नही रहते अकेलापन साथ आजाता है, हम रोते नही आँखो से दिल का दर्द बयान हो जाता है, अकेला तो चाँद भी रह जाता है तारो की महफ़िल मे जब मानने वाला खुद ही रूठ जाता है…
खुदा मालूम यह गोर-ग़रीबा कैसी बस्ती है,
की आबादी बढ़ी जाती है वीरानी नही होती.
मुश्किल नज़र आता है गला काट के मारना,
आख़िर यह मुहिन भी तेरे जाबाज ने सर की.
करीब आओ की आस हो नाज की मुश्किल,
दम-ए-आख़िर है, अब वक़्त-ए-इंतेहा न रहा.
वो जब गुज़रे इधर से गिर पढ़े दो फूल दामन से.
अब इंतज़ार की आदत सी हो गई है
खामोशी एक हालत सी हो गई है
ना शिकवा ना शिकायत है किसी से
क्यूंकी अब अकेलेपन से मोहब्बत सी हो गई है
दोस्ती की राहो मे कभी अकेलापन ना मिले
ए दोस्त ज़िंदगी मे तुम्हे कभी गम ना मिले
दुआ करते है हम खुदा से
तुम्हे जो भी दोस्त मिले हम से कम ना मिले
तन्हाई मे अकेलापन सहा ना जाएगा.
पर महफ़िल मे अकेला रहा ना जाएगा,
उनका साथ ना हो फिर भी जिया जाएगा,
पर उनका साथ कोई और हो ये सहा ना जाएगा
आज तन्हाइयो को इश्क़ है हमसे बेपनाह
कभी हम तन्हाई से दो पल की दोस्ती किया करते थे
खामोसी की परछाइया हैं जहा भी देखता हूँ मैं
कभी इन परछाईयो के मुस्कुराते चेहरे हुआ करते थे
एक बार मिला भी मौका किसी की चाहत बन-ने का,
लेकिन हम उसे भी गावा बैठे,
उसने खुद अपने प्यार का इज़हार किया,
लेकिन हम उसके प्यार को ही नकार बैठे,
उस समय प्यार से महरूम थे,
आज उसे खोने का दर्द दिल को रुलाने लगा है,
ज़िंदगी तो खूब जी हमने,
पर अब ये अकेलापन सताने लगा है…
अकेलापन अब हमे सताता है,
दिन मे सपने ओर रातो को जागता है,
क्या करेंगी इस खाली इमारत जैसे दिल का हाल जानके,
क्यूंकी अब तो इसे भी अकेलेपन से मोहब्बत सी हो गई है !!!
आज हम अकेले हैं कभी वो हमारे साथ हुआ करते थे,
हमारा हर दिन हर रात हुआ करते थे,
उनके जाने से बुझ से गये हैं अब तो..
वरना मोहब्बत का सैलाब हुआ करते थे……
चल साथ की हसरत दिल-ए-महरूम से निकले,
आशिक़ का ज़नाज़ा है ज़रा धूम से निकले.
चरागार अपने तो मसरूफ़ बादील है लेकिन,
कोई तकदीर के लिखे को मिटा सकते है.
Top 51 Most Sensitive Akelapan Shayari In 2 And 4 Lines
जिससे चाहते है हुम्म दिल-ओ-जान से,
वो करते है हमसे-ए-इश्क़ किसी और से,
कैसी दर्द-ए-तकदीर हैं हमारी यारो,
जो मार गई जी-ते-जी हुमको..
शीशे का ये दिल टूट रहा था,
हम उन्हे ना ढूँढते तो क्या करते.
एहसास हुआ जब हमें उनसे दूर होने का,
हम रो कर अपनी आँख ना सुजाते तो क्या करते
आपको कुछ खबर है आप जब जाने लगे,
आपके बीमार का उस वक़्त क्या आलम हुआ.
महफ़िल मे नही तो तन्हाई मे फरियाद करोगे,
हमारे जैसा ना कही मिला है ना मिलेगा,
आजमा कर देखो किस्मत पे नाज़ करोगे.
जाने क्यू अकेले रहने को मजबूर हो गये,
यादो के साए भी हमसे दूर हो गये,
हो गये तन्हा इस महफ़िल मे,
की हमारे अपने भी हमसे दूर हो गये.
कल शाम छत पर तुझे क्या देख लिया,
के मैं तो मानो खुदा को ही देख लिया,
बेखुदी का नशा इस क़दर चढ़के बोला,
हमने सिर अपना दीवार से जा फोड़ लिया.
क्यू दिल की बेकरारिया बॅड जाती हैं,
जब सामने मनचाहा कोई होता है,
धीरे से दिल के कोने मे हसरातो का,
एक सेलाब जाने क्यू उमड़ आता है.
हर शाम आँखो को तेरा इंतेज़ार रहता है,
जिधर से गया था उस और ख़याल रहता है,
दिल को अब भी तेरी ज़रूरत बहुत है साथी,
आजा लौटके आजा दिल हर दम बेक़रार रहता है.
दर्द से हम अभी खेलना सिख गये,
हम बेवफ़ाई के साथ जीना सीख गये,
क्या बताए किस कदर दिल टूटा है मेरा,
मौत से पहले, कफ़न ओढ़ कर सोना सिख गये.
दर्द मन्धो से तुम्ही दूर फिरा करते हो,
पूछने वरना सभी आते हैं बीमार के पास.
वो अपने दर के फकिरो से पूछते भी नही, की तुम लगाए हुए किसकी आस बैठे हो
सितम समझे हुए थे हम तेरी बेइंतही को, मगर जब गौर से देखा तो एक लुत्फ़-ए-निहा पाया
हम अकेले नही रहते अकेलापन साथ आजाता है, हम रोते नही आँखो से दिल का दर्द बयान हो जाता है, अकेला तो चाँद भी रह जाता है तारो की महफ़िल मे जब मानने वाला खुद ही रूठ जाता है…
खुदा मालूम यह गोर-ग़रीबा कैसी बस्ती है,
की आबादी बढ़ी जाती है वीरानी नही होती.
मुश्किल नज़र आता है गला काट के मारना,
आख़िर यह मुहिन भी तेरे जाबाज ने सर की.
करीब आओ की आस हो नाज की मुश्किल,
दम-ए-आख़िर है, अब वक़्त-ए-इंतेहा न रहा.