Barsat Shayari in Hindi
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Barsat Shayari in Hindi |
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Barsat Shayari In Hindi
❤ख्यालों में वही, सपनो में वही,
लेकिन उनकी यादों में हम थे ही नही,
हम जागते रहे दुनिया सोती रही,
एक बारिश ही थी, जो हमारे साथ रोती रही.
❤बरसात की भीगी रातों में फिर कोई सुहानी याद आई,
कुछ अपना जमाना याद आया कुछ उनकी जवानी याद आई,
हम भूल चुके थे जिसने हमें दुनिया में अकेला छोर दिया,
जब गौर किया तो एक सूरत जानी पहचानी याद आई.
❤ए बारिश ज़रा थम के बरस,
जब मेरा यार आ जाए तो जम के बरस,
पहले ना बरस की वो आ ना सके,
फिर इतना बरस की वो जा ना सके.
❤किसने भीगे हुए बालों से ये झटका पानी,
झूम के आई घटा टूट के बरसा पानी.
कोई मतवाली घटा पीके जवानी की उमंग,
दिल बहा ले गया बरसात का पहला पानी.
❤मौसम है बारिश का और याद तुम्हारी आती है,
बारिश के हर क़तरे से आवाज़ तुम्हारी आती है.
बादल जब गरजते हैं, दिल की धड़कन बढ़ जाती है,
दिल की हर एक धड़कन से आवाज़ तुम्हारी आती है.
जब तेज़ हवायें चलती है तो जान हमारी जाती है,
मौसम है बारिश का और याद तुम्हारी आती है.
❤बिन बादल बरसात नहीं होती,
सूरज डूबे बिना रात नहीं होती,
अब कुछ ऐसे हालत हैं हमारे की,
आपको देखे बगैर दिन की शुरुआत नहीं होती.
❤एक रोने से तू मिल जाए तो खुदा की कसम
इस धरती पे सावन की बरसात लगा दूं …!
Barsaat shayari
❤बेवफ़ाई की इंतेहा कर दे,
ता'के मालूम हो वफ़ा क्या है.
Barsaat shayari in hindi
❤ठुकरा सकी ना आँधी किरण के सवाल को
ठुकरा सकी ना आँधी किरण के सवाल को
फेला दिया ही शब ने सितारों के जाल को
Shayaris for barsaat for love in hindi
❤फूल बन कर गिर चुकी शाखो से मे
फूल बन कर गिर चुकी शाखो से मे
ओर ओसी मेरा पता दरकार हे
Barsaat shayari sms and messages in hindi
❤बारिश थी भीगी रात थी
बारिश थी भीगी रात थी, मैं भीगता रहा
क़दमों के तेरे सब निशान मैं खोजता रहा
Urdu barsaat shayari
❤ज़ब्त ए घर ये कभी करता हों तो फरमाते हैं
ज़ब्त ए घर ये कभी करता हों तो फरमाते हैं,
आज क्या बात है बरसात नहीं होती है.
Hindi Baarsish Shayari
❤आज मौसम
आज मौसम में कुछ अजीब सी बात हे,
बेकाबू से हमारे जज़्बात हे,
जी कहता हे तुमको चुरा ले तुम्ही से,
पर मम्मी कहती हे की चोरी करना बुरी बात हे
Best 1 line barsaat shayari
❤एक रोने से तू मिल जाए तो खुदा की कसम
इस धरती पे सावन की बरसात लगा डून …!
Sad barsaat shayari
❤वो मुझ से मेरे खामोशी की वजह पूछता है
वो मुझ से मेरे खामोशी की वजह पूछता है
कितना पागल है रात के सन्नाटे की वजह पूछता है
वो मुझ से मेरे आँसू की वजह पूछता है
कितना पागल है बारिश के बरसने की वजह पूछता है
वो मुझ से मेरे मोहब्बत के बारे मे पूछता है
कितना पागल है खुद अपने बारे मे पूछता है
वो मुज से मेरे वफ़ा की इंतेहा पूछता है
कितना पागल है साहिल पे खड़ा है समुंदर की गहराई पूछता है
❤हल्की हल्की बारिश
कल हल्की हल्की बारिश थी
कल सर्द हवा का रक़स भी था
कल फूल भी निखरे निखरे थे
कल उन पे आप का अक्स भी था
कल बादल काले गहरे थे
कल चाँद पे लाखों पहरे थे
कुछ टुकरे आप की याद के
बरी देर से दिल मैं ठहरे थे
कल यादे उलझी उलझी थीं
और कल तक यह ना सुलझी थी
कल याद बहुत तुम आए थे
कल याद बहुत तुम आए थे
❤बारिश उसे पसंद हे
सुना हे बारिश उसे भी पसंद हे
वो भी मेरी तरहन बरसती बूँदों को हाथों मे समा लेती हे
सुना हे फूल उसे भी पसंद हैं
वो भी मेरी तरहन फूलों से घंटों बाते करती रहती हे
सुना हे चाँद उसे भी पसंद हे
वो भी मेरी तरहन रात रात भर उसे ताकती रहती हे
सुना हे तन्हाई उसे भी पसंद हे
वो भी मेरी तरहन?????.
पर वो तन्हा बैठ कर किस को सोचती हे?
सारी बाते सच्ची हैं मगर
ये भी सच हे
मैं जो उस क बारे मे हर बात की खबर रखता हूँ
ये भी जानता हूँ की उस की सोचों का माहवार मैं नही
❤काफ़ी अरसा बीत गया
काफ़ी अरसा बीत गया जाने अब वो कैसा होगा
वक़्त की सारी कड़वी बाते चुप चाप सहता होगा
अब भी भीगी बारिश में वो बन के छतरी चलता होगा
मुझसे बिछड़े अरसा बीता अब वो किस से लड़ता होगा
अच्छा था जो साथ ही रहते बाद में उस ने सोचा होगा
अपने दिल की सारी बाते खुद से खुद ही करता होगा ?
❤वो तो बारिश की बूंदे देखकर
वो तो बारिश की बूंदे देखकर खुश होता हैं
उस को क्या मालूम की हर घिरने वाला कतरा पानी नही होता
❤बूँदें गिर पड़ी बरसात में
आ गयी थी एक दिन तन्हाए भी जज़्बात में
आँख से भी कुछ बूँदें गिर पड़ी बरसात में
कैसे उठे बादल
कैसी बीती रात कीसी से मत कहना
सपनों वाली बात कीसी से मत कहना
कैसे उठे बादल ओर कहाँ टकराए
कैसी हुई बरसात कीसी से मत कहना